Wednesday, February 22, 2023

डॉक्टर जी

आयुष्मान खुराना अभिनीत फिल्म 'डॉक्टर जी' एक बहुत ही अच्छी और संवेदनशील फ़िल्म है जिसे हर किसी को देखना चाहिए। दो-चार सस्ते जोक्स छोड़ दिए जाए तो एकदम टॉप क्लास है। जॉनी लीवर की बेटी को देख कर लगा कि काफ़ी फूहड़ता होगी। लेकिन वह डर ग़लत साबित हुआ। 


मध्य प्रदेश के टीयर टू शहर के बाशिंदों की महत्वाकांक्षाओं की कहानी है ये। समाज में चली आ रही विसंगतियों की कहानी है ये। 


आयुष्मान चूँकि हीरो हैं तो सारी विसंगतियाँ उनके सर नहीं मढ़ दी गईं हैं। उनके सम्बन्धी का एक किरदार इजाद किया गया है। लेकिन फ़िल्म में कोई भी प्रेम चोपड़ा, अमरीश पुरी या बिन्दु नहीं है। सब सामान्य लोग हैं जो सबको अपने मोहल्ले में मिल जाएँगे। 


यह फ़िल्म प्रेम-प्यार-दोस्ती के बारे में भी कुछ कहना चाहती है और वह भी बड़ी साफ़गोई से, अदब से, सभ्यतापूर्वक। बिना किसी हंगामा के, ड्रामा के, मेलोड्रामा के। फ़िल्म इतनी नाज़ुक है कि कई बार कलेजा मुँह तक आ गया और आँखें नम हुईं। 


अनुभूति कश्यप द्वारा निर्देशित यह फ़िल्म हवा का ताज़ा झोंका है। पता नहीं कितने सालों बाद सुबह पाँच बजे तक जगा हूँ सिर्फ़ इसलिए कि यह फिल्म पूरी कर के ही दिन समाप्त करूँ। 


फ़िल्म में गाने नहीं हैं। यह एक अच्छी बात है। चीजें बहुत जल्दी होती हैं। कोई सूत्रधार नहीं है। कोई किसी बात को दोबारा-तिबारा नहीं समझाता है। कमाल की एडिटिंग है। 


कुछ ग़लतियाँ भी हैं। जिन्हें क्रिएटिव लायसेंस के तहत नज़रअंदाज़ किया जा सकता है। कहानी को किसी न किसी अंजाम तक लाने के लिए कुछ ग़ैर-तर्कसंगत घटनाएँ पैदा की जाती हैं। जैसे कि कभी-कभी में जंगल में आग और सिलसिला में प्लेन दुर्घटना। 


फ़िल्म पूरे परिवार के साथ देखी जा सकती है और देखी भी जानी चाहिए। विषय वस्तु लीक से हटकर है सो यह बात अटपटी लग सकती है। लेकिन शायद इसी वजह से यह पूरे परिवार के साथ देखी जानी चाहिए। 


शीबा चड्ढा और शेफाली शाह का अभिनय प्रशंसनीय है। 


राहुल उपाध्याय । 22 फ़रवरी 2023 । सिएटल 


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