Monday, February 20, 2023

राम सेतु फ़िल्म की समीक्षा

अभिषेक शर्मा द्वारा लिखित एवं निर्देशित फिल्म 'राम सेतु' देखने लायक़ फ़िल्म है। जैसे कि 'गाँधी-गोडसे एक युद्ध' हर पहलू को निष्पक्ष भाव से दिखाती है वही इस फिल्म में है। हालाँकि पूरी फ़िल्म काल्पनिक कहानी पर आधारित है फिर भी हर पक्ष को अपनी बात कहने का पूरा अवसर प्रदान करती है। 


जिसे जो ठीक लगता है वह उसे ही ठीक मानता रहेगा। इस फिल्म से विचार नहीं बदलने वाले। किसी किताब को पढ़ने से भी नहीं बदलते। सबका अपना सफ़र है अपने मन को समझाने का, समझने का और उसे बदलने का। 


विज्ञान के नाम पर जैसी प्रयोगशाला, जैसे वैज्ञानिक और उपकरण इस फिल्म में दिखाए गए हैं वे सब बचकाने हैं। कोर्ट में ड्रामा आदि भी सच्चाई से कोसों दूर हैं। लेकिन जो सच है वह है इस फिल्म की आत्मा और अभिषेक शर्मा की मेहनत और एक अच्छी फिल्म बनाने का जज़्बा। 


कईं ग़लतियाँ निकाली जा सकती हैं। फ़िल्म में एक ही गाना है और वह भी हास्यास्पद। लेकिन वह गीत ही है जो दर्शकों को यक़ीन दिलाता है कि इस फ़िल्म में घट रही घटनाओं को सच न माना जाए। यह एक कॉलेज में हो रहे नाटक जैसा है। इसे सच क़तई न माना जाए। 


इस सूझबूझ के लिए मैं अभिषेक को धन्यवाद देना चाहूँगा। 


यह इतनी अच्छी फिल्म है कि इसे पूरे परिवार के साथ देखा जा सकता है। सभ्य भाषा, सभ्य लोग, सभ्य व्यवहार। और विचार इतने स्पष्ट है कि दो परस्पर विरोधी लोग भी साथ में देख सकते हैं और पूरी बहस को विराम दे सकते हैं। 


दो-तीन किताब पढ़ो या यह फिल्म देख लो, बात एक ही है। 


राहुल उपाध्याय । 20 फ़रवरी 2023 । सिएटल 




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