Friday, April 15, 2022

महिपाल

महिपाल अपने ज़माने के एक महान अभिनेता हैं, जिन्होंने नवरंग और सम्पूर्ण रामायण में मुख्य भूमिकाएँ निभाई है। 


विविध भारती अपने संग्रहालय से नायाब साक्षात्कार विभिन्न कार्यक्रम में प्रस्तुत करती रहती है। उनमें से एक कार्यक्रम है - उजाले उनकी यादों के। 


इस कार्यक्रम में महिपाल जी का विस्तृत साक्षात्कार कई अंशों में सुनाया गया। 


आज प्रसारित कार्यक्रम (2020 में भी प्रसारित हुआ था) में उन्होंने जो कहा, वो अगर आज कहते तो शायद बवाल खड़ा हो जाता। 


35:47 पर सुनें:

हर ऐसे चरित्र को दुख-कष्ट जो भी कहो झेलने ही पड़ते हैं। राम का क्या हुआ? जल समाधि ली ना! आत्महत्या कहो, चाहे जल समाधि कहो। 


कृष्ण का क्या हुआ? एक बहेलिये ने मार दिया तीर। 


अंत क्या हुआ?


हर ऐसे महान पुरूष का अंत यही हुआ है। फिर बाद में उसकी पूजा होती है। 


इन सब लोगों का यही है। हश्र यही होता है। 


प्रेमचंद का क्या हुआ? निराला का क्या हुआ?


किसी की मय्यत में आठ आदमी। किसी की मय्यत में दो आदमी। चार आदमी। 


कोई थे नहीं। दरिद्र मर गए। 


क्या हुआ? लेकिन अब, वाह, वाह!


पीछे से बखान करते हैं। 


https://youtu.be/Ms853YLbm7w



राहुल उपाध्याय । 15 अप्रैल 2022 । सिएटल 


Sunday, April 10, 2022

10 अप्रैल 2022

आज का रविवारीय सामूहिक प्रातः भ्रमण अभूतपूर्व रहा। 


बड़ी तादाद में लोग आए। एक बालक भी शामिल हुआ। भ्रमण स्थल हमेशा की तरह रमणीक रहा। समामिश नदी के किनारे हम दो घंटे तक चलें। 


सिएटल के मौसम के मुताबिक़ रिमझिम-रिमझिम फुहार भी रही। तापमान सामान्य से काफ़ी कम रहा। तीन डिग्री सेल्सियस। 


लेकिन अंत बाक़ी दिनों से अलग हुआ। कार के ट्रंक में से थर्मस में से चाय पीने के बजाय शोभित के घर उनकी पत्नी अर्चना के कुशल हाथों से बना भारत का पारंपरिक भोजन ग्रहण किया। तृप्ति हो गई। 


गुझिया, पूड़ी, छोले, दही बड़े और लस्सी। 


बरसों तक याद रहेगा आज का भ्रमण। 


ये हैं अर्चना का यूट्यूब चैनल :


https://youtube.com/channel/UCUq-4b-TUS2VOz2xyJp0Q0A


राहुल उपाध्याय । 10 अप्रैल 2022 । सिएटल 






Sunday, April 3, 2022

मनीष पांडेय

मेरी अधिकतम जान-पहचान मेरी कविता पढ़ने वालों से है। उनमें मनीष भी शामिल हैं। 


हर सप्ताह ज़ूम पर मिलन में भी वे शरीक होते हैं। मेरी तरह ही बिना लाग-लपेट के बात करते हैं। 


पिछले हफ़्ते नौकरी सम्बंधी किसी कार्यवश वे सिएटल आए। मैंने आग्रह किया कि मेरे साथ मेरे घर रहें। हालाँकि कम्पनी की ओर से होटल बुक थी। दो रात मेरे साथ रहे। असली मुलाक़ात घर पर रहने से ही होती है। लंच-डिनर पर सरसरी बातें ही हो पाती हैं। 


सिएटल बहुत ही खूबसूरत शहर है। इसके सौन्दर्य से मैंने उनका परिचय करवाया। 


पेश हैं कुछ तस्वीरें। 


राहुल उपाध्याय । 3 अप्रैल 2022 । सिएटल