Sunday, April 3, 2022

मनीष पांडेय

मेरी अधिकतम जान-पहचान मेरी कविता पढ़ने वालों से है। उनमें मनीष भी शामिल हैं। 


हर सप्ताह ज़ूम पर मिलन में भी वे शरीक होते हैं। मेरी तरह ही बिना लाग-लपेट के बात करते हैं। 


पिछले हफ़्ते नौकरी सम्बंधी किसी कार्यवश वे सिएटल आए। मैंने आग्रह किया कि मेरे साथ मेरे घर रहें। हालाँकि कम्पनी की ओर से होटल बुक थी। दो रात मेरे साथ रहे। असली मुलाक़ात घर पर रहने से ही होती है। लंच-डिनर पर सरसरी बातें ही हो पाती हैं। 


सिएटल बहुत ही खूबसूरत शहर है। इसके सौन्दर्य से मैंने उनका परिचय करवाया। 


पेश हैं कुछ तस्वीरें। 


राहुल उपाध्याय । 3 अप्रैल 2022 । सिएटल 



No comments: