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आजकल कम्प्यूटर इंडस्ट्री में चैटजीपीटी की धूम है।
इस लेख को पढ़ कर आपको चैटजीपीटी के बारे में काफ़ी-कुछ जानकारी मिल जाएगी। लेकिन जब तक इस लिंक से आप स्वयं इसे नहीं परखेंगे इसकी क्षमता और अज्ञानता का पता नहीं लग पाएगा:
प्रश्न हिन्दी में भी पूछे जा सकते हैं। पूछ कर देखें। जैसा कि विकिपीडिया के साथ है। हिन्दी में कम जानकारी है। अंग्रेज़ी में ज़्यादा। यही हाल चैटजीपीटी का भी है।
चूँकि यह लिंक सिर्फ़ परखने के लिए है तो इसे सिर्फ़ 2021 तक की ही बातें पता है। उसके बाद की नहीं। गुगल अभी भी प्रासंगिक है। यह लिंक वह नहीं कर सकती जो गुगल मैप्स कर सकता है। यह लिंक ट्रेन कब छुट रही है नहीं बता सकती। किस स्टॉक का कितना दाम है नहीं बता सकती।
पहली बार प्रयोग करने पर खाता खोलना पड़ सकता है। या फिर आप गुगल आदि की आयडी से भी जुड़ सकते हैं।
आजकल यह व्यस्त भी बहुत है। सो इंतज़ार करना पड़ेगा जब यह उपलब्ध हो।
गुगल और चैटजीपीटी में मुख्य अंतर यह है कि गुगल दो टूक जवाब देता है। चैटजीपीटी उसी बात को एक इंसान की तरह घुमा फिराकर देती है।
जो दो उदाहरण मैं दे रहा हूँ, वे दोनों हास्यास्पद हैं एवं चैटजीपीटी की अज्ञानता दर्शाते हैं। लेकिन यह हिन्दी की वजह से है। गीता और गीतांजली में यह अंतर समझ नहीं पाई। वैसे ही टैगोर को भी कोई दूसरा टैगोर समझ बैठी।
राहुल उपाध्याय । 1 फ़रवरी 2023 । सिएटल
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