इस वर्ष जहाँ हम सबने कुछ हद तक अपनी आज़ादी खोई, वहीं उमेश को, प्रमोद को, मधु को और मुझे अपनी बात कहने का स्वर भी मिला। जिसका श्रेय जाता है इन महान कलाकारों को:
*गीतकार*: शकील बदायुनी, साहिर, शैलेंद्र, संतोष आनंद, मजरूह, इंदीवर, आनंद बक्षी, राजेन्द्र कृष्ण, अनजान, रवि मलिक, हसरत जयपुरी, राजा मेंहदी अलीख़ान, शमीमजयपुरी, कमर जलालाबादी;
*संगीतकार*: रवि, शंकर जयकिशन, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, सचिन देव बर्मन, कल्याणजी-आनंदजी, राहुल देव बर्मन, नौशाद, राजेश रोशन, ऊषा खन्ना, नदीम-श्रवण, एन दत्ता, मदन मोहन;
*गायक*: रफ़ी, महेंद्र कपूर, मुकेश, हेमंत कुमार, शैलेंद्रसिंह, कुंदनलाल सहगल, अनवर, मन्नाडे, कुमार सानु, लता मंगेशकर को।
वर्ष के अंत में प्रस्तुत है उन गीतों की झलक:
पूरे गीत इस प्लेलिस्ट में सुने जा सकते हैं:
https://youtube.com/playlist?list=PLAxLt1oyJnF9LflX0KW6NmF-JwOBRDSy3
राहुल उपाध्याय । 24 दिसम्बर 2020 । सिएटल
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