Monday, April 26, 2021

25 अप्रैल 2021

पिछले दो रविवार मैं सामूहिक रविवारीय भ्रमण में शरीक नहीं हो सका। मम्मी के स्वास्थ्य के कारण दिनचर्या व्यवस्थित नहीं हो पा रही है। कभी देर से सोता हूँ। कभी देर से उठता हूँ। 


भ्रमण के लिए नियमित रूप से उपस्थित रहने वाले शोभित ने कहा कि जब जैसे जहाँ हो सके मैं आपके साथ चलने को तैयार हूँ। मुझे उसका यह कहना गहरे तक छू गया। 


मैंने कहा तुमने इतना सोचा मेरे बारे में मुझे बहुत अच्छा लगा। देखते हैं कैसे होगा। आ जाना मेरे यहाँ सात बजे। हो सकता है मैं मम्मी के साथ व्यस्त रहूँ सो पन्द्रह बीस मिनट देर से भ्रमण शुरू कर सकते हैं। उसने हामी भर दी। 


वह भी मेरी तरह समय का पाबंद है। सात बजे आ गया। मैंने मम्मी से 5:30 पर बात की थीं। वे सोना चाहती थीं। सोने दिया। मैं नहा-धो कर तैयार था। निकलते वक़्त देखा तो सो रही थीं। 


कोई मार्ग तय नहीं था। कभी इधर मुड़ गए। कभी उधर। 


जिधर गए उधर विविध नज़ारे दिखे। मन तृप्त हो गया। 


घर आया तो मम्मी अब भी सो रही थीं। मन को संतोष हुआ कि समय पर गएँ और समय पर आएँ। 


रात सोने से पहले इतवारी पहेली भेजने के तुरंत बाद नवीं कक्षा के सहपाठी का एक संदेश आया। उसका एक चचेरा भाई, अनु, जो उससे केवल एक साल बड़ा था, कोविड की चपेट में आ गया। वो चाहता था कि मैं इस हादसे पर कुछ लिखूँ। 


मैं असमंजस में पड़ गया। अभी हाल में मेरी मौसेरी बहन गुज़री। मैंने कुछ नहीं लिखा। 


अनु को मैं जानता भी नहीं। क्या लिखूँ। 


सोचते-सोचते सो गया। 


भ्रमण कर के लौटा तो सहपाठी का संदेश था - कुछ लिखा?


वैसे तो घड़ी में नौ घंटे गुज़र चुके थे। लेकिन वो सोने में, नहाने में, भ्रमण में गुज़र गएँ। समय ही कहाँ मिला कुछ सोचने का?


मन से जो लिखता हूँ उसके लिए समय नहीं चाहिए। वो तो साँस लेने जैसा है। 


लेकिन किसी विषय पर? अनुरोध पर? अलग से तो सोचना ही था। 


ये पंक्तियाँ लिखीं। उसे पसन्द आई। 


यह कोई पहर नहीं 

यह कोई उमर नहीं 

जाने की थी न बात कोई 

जो होनी थी हुई वो सहर नहीं 


तू गया कहाँ 

मैं जानूँ कहाँ 

तेरे बिना 

मैं तन्हा यहाँ 


तेरी याद के 

सुनहरे पल

करें कल-कल

आजकल 


अनु था

अणु था

वृहत ब्रह्माण्ड का

अंश तू लघु था


जो भी था

तू खूब था

वक़्त न ऐसा 

मनहूस था


यह कोई पहर नहीं 

यह कोई उमर नहीं 

जाने की थी न बात कोई 

जो होनी थी हुई वो सहर नहीं 


राहुल उपाध्याय । 25 अप्रैल 2021 । सिएटल 


पुनश्च: मम्मी के साथ ली दो साल पुरानी तस्वीर देखी। और फिर कल वाली। दो साल में कितना कुछ बदल गया। 


और छोटे बेटे अबोश के साथ ली 11 वर्ष पुरानी तस्वीर भी हाथ लग गई। मम्मी के साथ वाली तस्वीर में वो लम्बे बालों वाला है। 





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