अभिलाष ने फ़िल्मों के लिए बहुत कम लिखा है। उनका एक गीत बहुत प्रसिद्ध हुआ - इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कमज़ोर हो ना
गीत जितना प्रसिद्ध हुआ उतने गीतकार नहीं। संगीतकार कुलदीप सिंह भी गुमनाम ही हैं।
इसे दिल्ली के एक स्कूल में सुबह की प्रार्थना के रूप में गाया जाता था। मैं जब भी दिल्ली जाता बाऊजी के पास, पास के स्कूल से बच्चों के द्वारा गाते हुए सुनाई दे जाता था।
यह स्कूल दिव्यांग बच्चों के लिए था। मेरा बड़ा बेटा प्रेरक तब गर्मी की छुट्टियों में वहाँ मदद करने जाता था। तब मैंने उन बच्चों को क़रीब से देखा।
एक लड़की मिली। निष्ठा। उससे मैं बहुत प्रभावित हुआ। मिला नौ जुलाई को था। रचना 6 अगस्त को लिखी।
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बड़े दिनों से
हम
एक दूसरे को
ई-मेल्स लिख रहे हैं
और एक-दूसरे को
जानने-पहचानने
समझने-बूझने
और
रूठने-मनाने
लगे हैं
तुम्हारी
स्माईलिस,
खास ईमोटिकॉन्स,
एक्सक्लेमेशन्स,
और एक्स्ट्रा डॉट्स
इन सबसे तुम्हारा
प्यार छलकता है
एक छवि उभरती है
लेकिन
मैं चाहता हूँ
कि तुम मुझे एक ख़त लिखो
वही पुराने ज़माने वाला
कलम और कागज़ वाला
मैं जानना चाहता हूँ
कि तुम्हारे हाथों की लिखावट कैसी होगी?
कहते हैं कि हैंडराइटिंग से
व्यक्ति का व्यक्तित्व भी छलकता है
मैं भी तो देखूँ
कि तुम्हारी पर्सनालिटी कैसी है?
(और एक बात और
जो मैंने उसे बताई नहीं
कि
सुना है
कि लड़कियाँ अक्सर ऐसे ख़तों में
दिल, तीर, तितलियाँ, फूल, सितारें आदि
बनाती हैं
मैं देखना चाहता था कि
वो मेरे लिये क्या बनाएगी?
क्या सब एक ही रंग की स्याही में लिखेगी?
या कुछ लाल होगा, कुछ हरा, कुछ नीला?
क्या कुछ हाशिए में भी लिखेगी?
हिंदी में लिखेगी? कि अंग्रेज़ी में?)
दो दिन बाद ख़त आया
दिल की धड़कन थाम के
मैंने सब से आँख बचाकर उसे खोला
और पाया एक पन्ना
बिल्कुल कोरा
और फिर
एक और पन्ना
जिस पर बहुत ही खूबसूरत हैंडराइटिंग में लिखा था
देख ली मेरी हैंडराइटिंग?
मेरे हाथ नहीं है
जो तुम पढ़ रहे हो
वो लिखावट मेरे पैर की है
अंगूठों में कलम दबा कर
लिखती हूँ मैं
कैसी लगी?
हाँ और ये भी बताना कि मेरी पर्सनालिटी कैसी है
राहुल उपाध्याय । 6 अगस्त 2013 । दिल्ली
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https://mere--words.blogspot.com/2013/08/blog-post_5.html?m=1
राहुल उपाध्याय । 27 मई 2021 । सिएटल
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