मम्मी 15 मार्च 2019 को मेरे साथ अमेरिका आईं। सिएटल पहली बार आईं। इससे पहले हर बार सेन फ़्रांसिस्को आईं।
घूमने-फिरने का कोई ख़ास शौक़ न होते हुए भी भारत में बहुत घुम चुकी हैं। पहले बाऊजी के साथ उनकी विश्वविद्यालयों की यात्रा के दौरान। यदि वहाँ कोई ख़ास मन्दिर हो तो वहाँ जाने का आग्रह अवश्य करती थीं और गईं भी। तिरूपति-रामेश्वरम से लेकर वैष्णोदेवी तक, कामाख्या से लेकर सिद्धिविनायक तक, तक़रीबन सारे मन्दिरों के दर्शन कर चुकी हैं।
सिएटल से 66 मील दूर ट्यूलिप की खेती होती है। मई में वहाँ की छटा बहुत रंगीन होती है। 4 मई 2019 को मैं उन्हें वहाँ ले गया था।
तब वे उँगली पकड़कर चलती थीं। डरती थीं कि गिर जाएँगी। भारत में दो बार गिर भी चुकी थीं। अमेरिका आने के बाद भी दो बार। कहीं चोट नहीं आई पर डर तो था ही।
सितम्बर 2019 में वॉकर आया। 17 मार्च 2021 से वह छूट गया।
अब तो कोई चमत्कार ही इन्हें वॉकर चलाने की शक्ति दे सकता है।
राहुल उपाध्याय । 4 मई 2021 । सिएटल
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