Sunday, January 2, 2022

हेमंत शर्मा

कविता लिखना मेरे लिए साँस लेने जैसा है। स्वांत: सुखाय ही लिखता हूँ। लेकिन साझा किए बिना भी नहीं रहता हूँ। और कई बार कई पाठक इन कविताओं के ज़रिये मेरे नज़दीक आए। मुझे उनके सानिध्य का अवसर मिला। हमेशा बहुत अच्छा लगा। ज़िन्दगी सफल हुई, ऐसा लगा। 


कल ऐसे ही एक पाठक गुप्ता जी का संदेश आया कि उनकी बेटी और दामाद मेरे शहर, सिएटल, आए हुए हैं। मुझे अच्छा लगा कि भारत भ्रमण में कुछ लोगों से मिला था, लेकिन अब सिएटल में भी मिलने का मौक़ा मिल रहा है। 


और जब पता चला कि दामाद, हेमंत शर्मा, शतरंज के विश्वविख्यात खिलाड़ी हैं तो खुशी और दुगनी हो गई। मानो 'कौन बनेगा करोड़पति' की हॉट-सीट पर अमिताभ बच्चन के आमने-सामने बैठने का मौक़ा मिल रहा हो। 


आज हेमंत और उनकी पत्नी आनंदिनी, दोनों घर मिलने आए। बहुत बहुत अच्छा लगा। 


मेरे छोटे बेटे के साथ कुछ शतरंज की बाज़ी खेलीं। मेरे मित्र, मनीष, भी आ गए थे। उनके साथ भी एक बाज़ी खेली। मैं भी खेलता पर मुझे चेसबोर्ड पर खेलना ज़्यादा पसंद है। और वह मेरे पास नहीं था। मैं ख़रीदने वाला था, उससे पहले ही सब आनन-फ़ानन हो गया। 


हो सकता है ऑनलाइन खेलना मेरे पल्ले भी पड़ जाए और मैं बाद में उनके साथ खेलूँ। 


यह दिन यादगार रहेगा। 


राहुल उपाध्याय । 2 जनवरी 2021 । सिएटल 





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