यह अच्छी बात है कि राजनेता कविताएँ याद करके सुना रहे हैं। यह तो और भी अच्छी बात है कि गाँधी परिवार की नई पीढ़ी भी ऐसा कर रही है। वरना इन्हें अक्सर अंग्रेज़ीदां समझा जाता रहा है। दयनीय यह है कि सुनने वालों को समझाने का प्रयास किया गया। कविता समझानी पड़े तो कविता कमज़ोर पड़ जाती है।
इस वीडियो की शुरुआत में ही कविता सुनाई जा रही है। कवि का नाम नहीं लिया। लेकिन यह ज़रूर कहा कि एक कवि ने कहा है। जैसे कि शेर सब सुनाते हैं यह कह कर कि किसी शायर ने क्या ख़ूब कहा है। शायर के नाम कौन बताता है और कौन जानता है।
जैसे कि अलका अग्रवाल जी कह रही हैं - हंगामा है क्यूँ बरपा।
अलका जी कौन है?
इससे पहले मिलिए पुष्यमित्र उपाध्याय जी से।
http://news10india.com/my-poetry-is-not-for-poor-politics
फिर मिलिए अलका जी से:
राहुल उपाध्याय । 29 नवम्बर 2021 । सिएटल
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