देवोत्थानी एकादशी- यानी
देवताओं का नींद से जागना
विवाह के मुहूर्त आरम्भ
मेरा जन्मदिन
जन्मदिन तो है पर सबको नहीं मालूम। जिनको मालूम है वो है 26 नवम्बर।
मम्मी और राजेश दोनों को हमेशा याद रहता था। फ़ोन आता था। अब दोनों नहीं हैं। 2018 से मैं मम्मी के साथ ही रहा। सो मैं स्वयं ही मना लेता था।
अब मम्मी और राजेश दोनों नहीं है।
हरीश के पिताजी का भी देवोत्थानी एकादशी का जन्मदिन है। सो वह जब उन्हें याद करता है तो मुझे भी कर लेता है। आज भी किया और अपने घर बुला लिया।
मुझे नहीं पता था कि इस दिन कोई ख़ास पूजा होती है और ख़ास फल-फूल अर्पित किए जाते हैं। हरीश के माँ ने कोई विशेष गीत भी गाया।
केक हरीश के बेटे ने काटा। फ़ोन पर दादाजी को खिलाने का अभिनय किया और असलियत में मैंने खाया।
बहुत ही स्वादिष्ट भोजन बना। आईसक्रीम भी खाई। एक पड़ोसी परिवार भी जुड़ गया था।
हरीश के बेटे को मैंने थोड़ा जोड़ना-घटाना भी सिखाया।
कुल मिलाकर एक अच्छा दिन और जन्मदिन।
राहुल उपाध्याय । 14 नवम्बर 2021 । सिएटल
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