कल का रविवारीय सामूहिक प्रात: भ्रमण समामिश पुस्तकालय के इर्द-गिर्द हुआ। इसका निर्माण मेरे इस शहर में आने के बाद हुआ। यहीं नगरपालिका भी है। पुलिस थाना भी। स्केटबोर्ड पार्क भी। यहीं पर वो मतदान पेटी है जिसमें मैंने अपना वोट डाला था।
समामिश शहर भी ज़्यादा पुराना नहीं है। इस शहर को कई बार सबसे अच्छा शहर घोषित किया जा चुका है।
सबसे अच्छा? अब ये बहुत बड़ा गोरखधंधा है। सबसे अच्छा किस हिसाब से? देखने लगो तो हर शहर किसी न किसी बात में सबसे अच्छा है। आजकल शहरों की कई श्रेणियाँ बना दी गईं हैं। वे शहर जो महानगर नहीं है। वे शहर जो पचास साल से पुराने नहीं हैं। वे शहर जिनमें कोई कारख़ाना नहीं है। वे शहर जहाँ विश्वविद्यालय नहीं है। वे शहर जहाँ जलाशय नहीं है। वे शहर जहाँ सिर्फ एक ही धर्म के लोग नहीं है। वे शहर जहाँ कम से कम दस उद्यान हो। वग़ैरह। वग़ैरह।
बावजूद इसके कि मैं ऐसे पुरस्कारों को महत्व नहीं देता हूँ, मुझे यह शहर पसन्द है। रेडमण्ड, जहाँ माइक्रोसॉफ़्ट का मुख्यालय है, वह समामिश का पड़ोसी है। और कर्कलेण्ड भी पड़ोसी शहर है जहाँ कास्टको का मुख्यालय है।
पुस्तकालय एक ऊँची पहाड़ी पर है जहाँ से सिएटल का विहंगम दृश्य दिखता है सिएटल का, जहाँ अमेज़ॉन का मुख्यालय है। कल बादल हमसे लिपट रहे थे सो सिएटल नहीं देख पाए। लेकिन सूरज इतना मनमोहक था कि पूर्णिमा का चाँद भी शरमा जाए।
यहाँ से जो सड़क निकलती है वह इतने तीव्र उतार पर है कि सर्दी के दिनों में ओस जम जाए तो गाड़ियाँ बेक़ाबू हो जातीं हैं। बर्फ़ गिर जाए तो यातायात ठप्प हो जाता है। बच्चे तब ट्यूब पर बैठकर फिसलने का लुत्फ़ उठाते हैं।
कल सुबह-सुबह सड़क ख़ाली थी सो बीचोंबीच खड़े हो कर तस्वीर खींचवा ली।
राहुल उपाध्याय । 30 नवम्बर 2020 । सिएटल
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