जब नगद में घर लिया तो कई लोग इससे सहमत नहीं थे।
घर के लिए यदि क़र्ज़ लिया जाए तो उस पर जो ब्याज चढ़ता है उससे आयकर कम हो जाता है। क्यूँकि जितनी ब्याज राशि होती है वह आमदनी में से घटा दी जाती है।
दूसरी ओर जो धन राशि घर ख़रीदने में नहीं लगाई, वह कहीं और लगाई जा सकती है। जैसे कि स्टॉक मार्केट में। या भारत में कोई घर ख़रीद कर किराए पर उठाकर कमाई की जा सकती है। या अमेरिका में ही घर ख़रीदकर किराए पर उठाए जा सकते है।
इतनी बड़ी धनराशि जो मैंने जोड़ ली थी, उसके पीछे कारण था सेन फ़्रांसिस्को से सीबल की नौकरी छोड़ सिएटल में माइक्रोसॉफ़्ट में आना। वहाँ घर तीस साल के लोन पर था। सात साल भर चुका था। 23 साल और बचे थे।
मुझे कुछ लोगों ने यह भी सलाह दी कि इसे बेचो मत। किराएदार रख लो।
मुझे क़र्ज़ से सख़्त नफ़रत है। सो किसी की राय नहीं मानी। सेन फ़्रांसिस्को का घर बेचा। और सिएटल में ख़रीदा।
चैन की नींद सोने का यह भी एक कारण है।
राहुल उपाध्याय । 24 नवम्बर 2020 । सिएटल
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