रॉकी और रानी की प्रेम कहानी- करण जोहर की नवीनतम फिल्म है। काफ़ी निराशा हुई। मैं उनकी टाइट स्क्रिप्ट का हमेशा प्रशंसक रहा हूँ। इस बार उनसे चूक हो गई।
आमतौर पर हर कहानी प्रेम कहानी होती है। देखना यह होता है कि इस प्रेम कहानी के पात्र कैसे हैं, उनकी पृष्ठभूमि कैसी है, उनके रास्ते में कौनसी बाधाएँ आती हैं।
सत्यप्रेम की कथा में नए विषय उठाए गए थे। रॉकी और रानी के सामने भी नए मुद्दे हैं। लेकिन जिस तरह से उन्हें स्क्रिप्ट में ढाला गया है वे स्वाभाविक नहीं लगते हैं। जैसे कि कुछ अंग्रेज़ी शब्दों को लेकर हास्य डालने की कोशिश की गई है वे भद्दे लगते हैं।
रणवीर और आलिया ने अपने अभिनय में कोई कसर नहीं छोड़ी है। दोनों की बहस के दृश्य कमाल के हैं। मुद्दे अच्छे हैं और दर्शकों को अपने-अपने पूर्वाग्रहों की तरफ़ सचेत करते हैं। बताते हैं कि भाई-बहन कैसे भी हो, स्वीकार किए जाते हैं। लेकिन जब दामाद या बहू ढूँढने निकलो तो छाँट कर लिए जाते हैं।
हर गाने में कम से कम दो हज़ार लोग नाच रहे हैं हीरो-हीरोइन के आगे-पीछे। इतना ज़्यादा तामझाम कि मैं तो दंग ही रह गया।
जैसा कि करण जोहर अक्सर करते हैं, इसमें भी अपनी चहेती हीरोइन एक गाने में दिखाई दे जाती हैं। काजोल और रानी न होकर, इसमें करीना, जाह्नवी और अनन्या हैं।
राहुल उपाध्याय । 8 अगस्त 2023 । सिएटल
No comments:
Post a Comment