Friday, February 25, 2022

नमिता थापर

https://youtu.be/gQz3dydudhw


अब इतनी उम्र हो गई है तो स्वाभाविक है कि मैं कई लोगों के सम्पर्क में आया हूँ। 


मेरी ख़ुशक़िस्मती है कि मेरा परिचय उन लोगों से हैं जो कि भव्यता, दिव्यता और सादगी के प्रतीक हैं। 


मेरे दो करीबी मित्र भारत सरकार के उच्च पदों पर आसीन हैं। 


मेरी मम्मी की बहुत अच्छी सहेली (जिन्होंने उन्हें दुर्गा सप्तशती का पाठ करने की सलाह दी थी, और मम्मी उन्हें ही हमेशा अपनी ख़ुशहाली का श्रेय देती हैं) के बेटे केन्द्रीय मंत्री रह चुके हैं। 


मेरी बहुत अच्छी मित्र भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री की गोद में खेली हैं। 


मेरे सहपाठी भारत सरकार के उद्यमों में उच्चतम पदों पर आसीन हैं। 


मेरा एक सहपाठी टी-सीरीज़ का कलाकार है। एक और सहपाठी सौरव गांगुली को अपनी टीम में खिला चुके हैं अपनी कप्तानी में। 


मेरी टीम का सहभागी राज कपूर की पहली नायिका का दामाद है। 


मेरे एक मित्र की पत्नी बॉलीवुड फ़िल्मों के लिए गा चुकी हैं। 


मेरा एक परिचित एक प्रसिद्ध विज्ञापन फ़िल्म का निर्देशक है। 


इन तमाम कड़ियों में एक और नई कड़ी जुड़ गई। 


नमिता थापर। इनकी साँस मेरी कवयित्री मित्र हैं। हम कभी मिले नहीं। ज़ूम पर तक़रीबन हर दो हफ़्ते में एक बार मिलते हैं। व्हाट्सएप ग्रुप पर कविताओं आदि का आदान-प्रदान होता रहता है। शुरुआत में जब बात हुई तो पता चला था कि इनके बेटे-बहू, पोते-पोती भारत में रहते हैं और क्रिसमस-गर्मी की छुट्टियों में अमेरिका आते रहते हैं इनसे मिलने। 


मैंने यह पहला परिवार देखा जिसमें माता-पिता अमेरिका में हैं और संतान भारत में। तब समझ नहीं पाया था। 

 

(ज़्यादातर परिवार में संतान अमेरिका आती है और माता-पिता भारत में छूट जाते हैं। कितना अजीब है ना, जैसे वो स्टेशन पर पानी लेने उतरे और ट्रेन छुट गई। जबकि या तो वो स्वेच्छा से छोड़ दी गई, या उन्हें उतार दिया गया। यदि यह काम कोई औपनिवेशिक साम्राज्य करता तो कोई गाँधी हालात बदल भी सकता था। यहाँ तो हम ही मुजरिम और हम ही जज।) 


अब समझ में आता है। 


नमिता के पिता का भारत में बहुत बड़ा व्यापार है। उसे छोड़ना तर्कसंगत नहीं। (सार्वजनिक आँकड़ों के मुताबिक़ आज नमिता के पास 600 करोड़ रूपये की दौलत है।)


अब तो और भी नहीं। शार्क टैंक की जज बनने के दौरान उन्होंने कई नए विचारों को आगे बढ़ाने के लिए अपनी धनराशि दी है। (4 करोड़ शो के दौरान, बाद में कुछ और) जिसके बदले उन्हें उन कम्पनियों के कुछ हिस्से की मिल्कियत मिली है। उन्हें इस शो से कुछ फ़ीस भी मिलती है। दर्शकों में कुछ नया करने का जज़्बा भी होता है। जैसे कि कौन बनेगा करोड़पति, इण्डियन आयडल, आदि सम्भावनाएँ पैदा कर रहे हैं। वैसे ही यह भी। साथ ही जज की लोकप्रियता भी बढ़ रही है। 


शो के नियमानुसार जब भी किसी जज को किसी प्रतिभागी का बिज़नेस प्रोपोज़ल पसन्द आ जाए वो उस उद्यमी को कुछ धनराशि प्रदान कर सकता है। इस धनराशि के बदले में जज को उद्यमी अपने बिज़नेस का कुछ प्रतिशत का हिस्सा दे देता है। 


यह शो अमेरिका में पिछले एक दशक से चल रहा है। धनराशि के बदले कम्पनी का हिस्सा लेने-देने की रीत अमेरिका में कई सालों से चली आ रही है। स्टीव जॉब्स जब ऐपल कम्पनी शुरू कर रहे थे, उन्होंने भी किसी को 33 प्रतिशत हिस्सा दिया था। वे महाशय बहुत जल्दी अपना हिस्सा जॉब्स को बेच कर निवृत्त हो गए। आज तक उसकी चर्चा होती है कि उन्होंने जल्दीबाज़ी कर दी। 


नमिता की सास सहित जितने भी मित्रों का मैंने ज़िक्र किया है वे सब सादगी के प्रतीक हैं। 


उन्होंने अपने विशिष्ट स्थान का मुझे कभी दम्भ  नहीं दिखाया। 


उन्हें शायद अपने विशिष्ट स्थान का उतना गर्व भी नहीं है, जितना मुझे उन पर है। 


और वे मेरे मित्र या परिचित हैं, यह मेरा सौभाग्य है। 


राहुल उपाध्याय । 25 फ़रवरी 2022 । सिएटल 



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