Tuesday, June 29, 2021

29 जून 2021

आज यहाँ दोपहर में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस था। इतनी गर्मी पहले कभी नहीं हुई। त्राहि-त्राहि मच गई। दुकानों से पंखे और ए-सी साफ़ हो गए। 


मैंने जीवन में कभी पंखे का उपयोग नहीं किया। 


भारत में चाहे कितनी गर्मी रही हो, मैंने पंखे से परहेज़ किया। कृत्रिम हवा मुझे अजीब लगती है। ए-सी कहीं था नहीं। 


अमेरिका के पूर्वी तट पर बहुत गर्मी होती है। वहाँ अपार्टमेंट में सेन्ट्रल ए-सी था। गाड़ी में, दफ़्तर में, दुकानों में, बस में, सब जगह ए-सी था। 


पश्चिमी तट पर सेन फ़्रांसिस्को और सिएटल में इतनी गर्मी नहीं होती इसलिए घरों में ए-सी नहीं होते हैं। गाड़ी में, दफ़्तर में, दुकानों में, बस में, सब जगह ए-सी होते हैं। 


हर साल तीन-चार दिन ऐसे आ जाते हैं जब ए-सी की ज़रूरत महसूस होने लगती है। 


लेकिन मुझे यह गर्मी कष्टकर नहीं लगती। थोड़ा पसीना आ जाए तो भी थोड़ी देर में हवा से ठंडक पड़ जाती है, बहुत सुकून मिलता है। 


अब रात होते ही तापमान 22 डिग्री हो गया। मेरा पलंग खिड़की के क़रीब है। खिड़की बंद करने के बाद ही सो पाऊँगा। 


दु:ख जभी भी होता है, सुख क़रीब ही होता है। 


राहुल उपाध्याय । 29 जून 2021 । सिएटल 



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