Saturday, January 14, 2023

ए-सी बनाम स्लीपर


या तो एनआरआई इतने हो गए हैं या जनता मालामाल इतनी हो गई है कि ट्रेन का टिकट -सी में नहीं हैस्लीपर में उपलब्ध है!


और जैसा कि मैंने पहले भी लिखा है प्लेन भी खचाखच भर कर जा रहे हैं। मेरे ननिहाल में तक़रीबन सब हवाईयात्रा कर चुके हैं। कोई ख़ास वजह नहीं बस बारह घंटे से ज़्यादा का सफ़र ट्रेन से नहीं कर सकते। 


इन्दौर के एक लड़कियों के स्कूल से आठवीं कक्षा जयपुर गई भ्रमण के लिएहवाई जहाज़ से। और यह पाँचसाल पुरानी बात है। 


मैंने स्लीपर में टिकट बुक कर ली। फिर सोचा रात का सफ़र है कहीं ठंड लग गईबुख़ार  गया तो मुश्किलहोगी। -सी में वेटिंग का भी कर लूँ। कन्फर्म हो गया तो बढ़िया वरना स्लीपर तो है ही। 


आज दोपहर पता चला -सी टिकट कन्फर्म हो गया। बढ़िया। स्लीपर कैंसल करवाया। कन्फर्म टिकट कोकैंसल करने से पैसे वापस नहीं मिलते हैं। कोई बात नहीं। किसी और को तो सीट मिल जाएगी। 


ट्रेन में चढ़ने पर मालूम हुआ कि मेरी सीट किसी और की भी कन्फर्म है। ये कैसेसब चैक किया - तारीख़गाड़ीका नामनम्बरकोचसीट। सब बिलकुल वही। आँखें फाड़-फाड़कर दो तीन बार देखा। टीटीई कहीं दिखेनहीं। चार्ट आजकल कहीं होता नहीं। 


जो सज्जन मेरी सीट पर बैठे थे वे नौ जनों के परिवार के सदस्य थे। अलग बुक किए थे। तीन अलग। परबहुत मशक़्क़त कर के सबको एक ही बोगी में करवाया था। 


ट्रेन चल दी। हम सोचते रहे। फिर जिसने टिकट बुक किया था उसने अपने फ़ोन के मेसेज देखें। कल दोपहर हीमेसेज आया था कि आपके टिकट अपग्रेड हो गए हैं फ़र्स्ट क्लास में। (फ़ालतू मेसेज इतने आते हैं कि उसनेध्यान नहीं दिया।सो मैं यही रहा और वे दुखी मन से फ़र्स्ट क्लास में गए। फ़र्स्ट क्लास में जाने में कौन दुखीहोगाक्योंकि उन्होंने अपने 14 दागिने ठीकठाक जमा लिए थे। अब उन्हें सीट के नीचे से निकालोचार बोगीपार करो और फिर से जमो। कितनी आफ़त है। 


जिसने टिकट ख़रीदते वक्त अपग्रेड ऑप्शन पर टिक किया थाउसे बहुत कोसा गया। 


राहुल उपाध्याय  14 जनवरी 2023  चित्तौड़गढ़ 




No comments: