Wednesday, January 11, 2023

हिन्दी दिवस और विश्व हिन्दी दिवस में क्या अंतर है?


हिन्दी दिवस और विश्व हिन्दी दिवस में क्या अंतर हैगूगल-शूगल सब देख डाला। कहीं से भी संतोषजनकउत्तर नहीं मिला। 


मोटे तौर पर देखें तो अंतर तो है। एक में दो शब्द हैं। दूसरे में तीन। एक 'हिन्दीदिवस है यानी हिन्दी का दिवसहै। दूसरा 'विश्व हिन्दीदिवस है यानी विश्व हिन्दी का दिवस है। मतलब हिन्दी दो तरह की है। एक हिन्दी जोया तो भारत की हिन्दी है या सार्वभौमिक हिन्दी हैऔर दूसरी विश्व की हिन्दी। इन दोनों में भला क्या अंतर हैहै और होना भी चाहिए। जैसे कि रतलाम की हिन्दी और लखनऊ की हिन्दी अलग है। रतलाम में अपन पिक्चरदेख कर आते हैं। और लखनऊ में हम नहा रहे हैं। 


वैसे ही हिन्दी और विश्व हिन्दी अलग ही होगी। अभी हाल ही में इन्दौर में प्रवासी दिवस मनाया गया। वहाँशायद प्रवासी हिन्दी बोली गई होगी। कई अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाएँ भी हैं। वहाँ शायद अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी बोलीजाती होगी। धीरे-धीरे हम साल में कई बार हिन्दी दिवस मना सकते हैं। दो तो है ही। इसमें जुड़ जाएँगे प्रवासीहिन्दी दिवसअन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी दिवसरोमन हिन्दी दिवसदेवनागरी हिन्दी दिवसमुम्बई हिन्दी दिवसलखनऊहिन्दी दिवसभटिंडा दिवस। 


मेरी तो चक हो जाएगी। और मौक़े मिल जाएँगे अपना गीत - हिन्दी हमसफ़रसुनाने के। 


बाक़ी संस्थाओं की भी बाँछे खिल जाएगी। अपने-अपने गाँधी सेन्टर पर लोगों को बुलाने का एक और बहानामिल जाएगा। तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रम हो जाएँगे। पत्र-पत्रिकाएँ निकाली जाएँगी जिनमें सब अभूतपूर्व औरसर्वप्रथम होगा। मसलन पहली बार 31 कवियों की कविताएँ एक पुस्तक में मंगलवार के दिन अमुक शहर कीअमुक गली से अमुक संस्था के तत्वावधान में प्रकाशित होगी। या फिर तेरह वे बालक जो अभी दस वर्ष के भीनहीं हैं उनकी रचनाएँ होंगी। सब कुछ  कुछ नया करेंगे। पुराना करके किसको फ़ायदा हुआ है। देख लोधर्मयुग और साप्ताहिक हिन्दुस्तान को। कब से बंद पढ़े हैं। 


राहुल उपाध्याय  12 जनवरी 2023  इन्दौर 


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