Thursday, December 16, 2021

कोरोना टेस्ट

अमेरिका में रहने के कई फ़ायदे हैं। यह सर्वविदित है। सर्वमान्य है। इसीलिए बड़ी संख्या में हर देश के प्राणी यहाँ आकर बस जाते हैं, या बसने के सपने देखते हैं, एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाते हैं। 


मुझ जैसा भाग्यशाली व्यक्ति और भी भाग्यशाली हैं कि वह अमेरिका में तो रह ही रहा है साथ ही माइक्रोसॉफ़्ट के हेडक्वार्टर्स में कई वर्षों से काम कर रहा है। 


माइक्रोसॉफ़्ट में काम करने के कई लाभ हैं। इतने कि कई लाभ तो सारे कर्मचारियों को पता भी नहीं होते। इतनी जानकारी दबी पड़ी है इमेल, और शेयरपाइंट में कि कोई गुगल खोज कर नहीं बता सकता। 


ख़ुशी होती है यह जानकर कि आज भी कुछ बातें एक दूसरे से बात करने पर ही पता चलती है। चलो इसी बहाने कोई बात तो होती है। वरना सब अपने फ़ोन में ही झांकते रहते। 


कोरोना का जब भी टेस्ट करना हो हमारे जिले के प्रशासन ने नि:शुल्क सेवाएँ प्रदान कर रखी हैं। कार में बैठे-बैठे ही ड्राइव-थ्रू में से खिड़की से डंडी लीजिए, नाक में घुमाईए और वापस पकड़ा दीजिए। अगले दिन परिणाम फ़ोन पर आ जाएगा। 


मैंने यही टेस्ट करवाया था सितम्बर में भारत की यात्रा से पहले। 


अब माइक्रोसॉफ़्ट एक किट दे रही है। जिससे आप स्वयं घर बैठे टेस्ट ले सकते हैं और 10 मिनट में परिणाम तैयार। 


मैं कभी बीमार नहीं पड़ता। बीमारी ने मुझे कभी नहीं छुआ। हाँ डायबीटीज़ है। उसे मैं बीमारी नहीं मानता। वह तो जीवन साथी है। मुझे सही राह पर चलने पर बाध्य करती है। 


हाँ। जुकाम-बुख़ार होते हैं। जो दो-चार दिन बाद स्वयं चले जाते हैं। भारत में हुआ तो पेरासिटामॉल ले ली। अमेरिका में हुआ तो आईब्यूप्रोफिन ले ली। 


छाले भी पड़ जाते हैं। ज़ुबान भी कभी कट जाती है। दाँत में भी दर्द होता है। 


मैं इन्हें भी बीमारी नहीं मानता। 


बीमारी वह होती है जिसमें इंसान बिस्तर पकड़ ले, काम से छुट्टी ले लें। 


आज थोड़ा जुकाम है, गले में ख़राश है, और बुख़ार भी, जो कि नापा नहीं। 


कोई पूछता है, कैसे हो, व्हाट्सएप पर या फ़ोन पर तो मेरा एक ही जवाब होता है- बहुत बढ़िया!


चूँकि किट है तो सोचा देख लूँ यह कैसे काम करती है। हालाँकि रिणाम से कुछ लेना-देना नहीं है। न मैं किसी से मिलने जाता हूँ, न कोई मिलने आता है। और कोरोना का कोई इलाज तो है नहीं। समय गुज़ारना है जो गुज़र ही रहा है। जैसे बुख़ार जाता है वैसे ही कोरोना भी जाएगा। तीन टीके लगा ही रखे हैं। 


टेस्ट बहुत ही आसान है। ई-पी-टी की तरह। 


  1. डंडी निकालो, नाक में घुमाओ

  2. डंडी को ट्यूब में डालो

  3. एक मिनट बाद डंडी ट्यूब से निकाल कर फेंक दो

  4. टेस्ट स्ट्रिप को ट्यूब में डालो

  5. 10 मिनट बाद स्ट्रिप पर यदि दो लकीरें हैं -  नीली और गुलाबी तो कोरोना है। यदि सिर्फ़ नीली है तो कोरोना नहीं है। 


राहुल उपाध्याय । 16 दिसम्बर 2021 । सिएटल 




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