संतोष आनंद के लिखे गीतों का मैं सदा प्रशंसक रहा हूँ। बाक़ी गीतकारों के उम्दा गीतों का भी। समय-समय पर उन सबके शब्दों में हेरफेर कर प्रतिगीत भी प्रस्तुत किए हैं।
कुछ गीतकार दिल के ज़्यादा क़रीब हो जाते हैं। मेरे जीवन के तीन आदर्श व्यक्ति रहे हैं: कपिल देव, आनन्द बक्षी और अमिताभ बच्चन।
इतना लगाव कि मुझे उनमें कभी कोई ख़ामी नज़र नहीं आई। अमिताभ से मोह भंग हुआ अमेरिका आने के बाद। कपिल देव के बारे में भी कई बातें ऐसी सुनने में आईं जो कि मोह भंग कर सकती थीं। लेकिन मेरी निष्ठा अभी भी अडिग है। शायद इसे ही प्यार कहते हैं।
जब आनन्द बक्षी गुज़रे, ऐसा लगा कोई मेरा अपना मुझे छोड़ गया। आज भी उनकी कमी खलती है।
भोपाल से प्रकाशित 'गर्भनाल' पत्रिका के मई 2017 के अंक में इस लेख में मैंने हिंदी फ़िल्मों का और हिन्दी फ़िल्म के गीतों का मुझ पर कितना अहसान है, यह लिखा है:
https://www.garbhanal.com/What-to-do-if-you-do-not-have-dreams
20 फ़रवरी 2021 को प्रसारित इण्डियन आयडल कार्यक्रम में 1939 में जन्में संतोष आनन्द को आमन्त्रित किया गया था। सारे उपस्थित गण एवं दर्शक बहुत भावुक हुए।
यह रही उस कार्यक्रम की एक झलक:
एक कार्यक्रम 2018 में हुआ था। जहाँ उन्होंने अपने जीवन के बारे में थोड़ा और विस्तार से बताया। उसे यहाँ देखें:
राहुल उपाध्याय । 25 फ़रवरी 2021 । सिएटल
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