मैं हवाई यात्राएँ करता रहता हूँ। करनी ही पड़ती है। दूरियाँ जो इतनी है। हर बार कुछ न कुछ नया दिख जाता है।
आज देखा कि सिएटल एयरपोर्ट के हर गेट पर जो बैठने की जगह है वहाँ हर दो सीट के बीच यूएसबी चार्जर और तीन पिन वाले प्लग की सुविधा है। दिल्ली एयरपोर्ट पर मैंने देखा था लोगों को एक खम्बे के इर्द-गिर्द खड़े हुए क्योंकि उस खम्बे पर ये सुविधा थी। शायद अब दिल्ली की कुर्सियाँ भी इतनी सुविधापूर्ण हो जाए।
दूसरी बात यह कि चार फ़ीट गुणा चार फीट गुणा आठ फ़ीट के चलते फिरते दफ्तर जब चाहो तब उपलब्ध हैं। ये पुराने ज़माने के फ़ोन बूथ की शकल में हैं। बस फ़ोन नहीं है। टीवी मॉनिटर है। कुर्सी है। टेबल है। इंटरनेट है। किराया दस डॉलर पन्द्रह मिनट के लिए। तीन घंटे के लिए नब्बे डॉलर। बूथ के अंदर सम्पूर्ण शांति है काम या मीटिंग करने के लिए।
राहुल उपाध्याय । 26 सितम्बर 2023 । सिएटल
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