Friday, March 29, 2024

क्रू - एक समीक्षा

आज ही रिलीज़ हुई और तबू, करीना, कृति अभिनीत फ़िल्म 'क्रू' बहुत ही मज़ेदार फ़िल्म है। जितना छोटा नाम, उतनी छोटी फ़िल्म। मात्र दो घंटे की। गाने भी हैं। पर गानों में समय बर्बाद नहीं होता। बल्कि सदुपयोग होता है। कहानी को विस्तार देने में मदद करते हैं। 


सोना कितना सोना है - यह गीत बहुत ही अच्छी सिचुएशन पर इस्तेमाल किया गया है। 


पटकथा, संवाद, सम्पादन, कहानी - सब एक से बढ़कर एक हैं। संवाद और अभिनय इस फिल्म की जान हैं। राजेश कृष्णन का निर्देशन इतना कसा हुआ है कि क्या कहने। 


कोई हीरो नहीं है। कोई रोमांस नहीं है। किसी की शादी हो गई है। कोई थोड़ी मोटी हो गई है। कहानी हवाई जहाज के कर्मचारियों के आसपास घूमती है फिर भी ज़मीन से, दर्शकों से जुड़ी रहती है। 


हर चीज़ का सही ढंग से सही समय पर इस्तेमाल किया गया है। हिन्दी फ़िल्म लेखन की यह ख़ासियत है कि जो संवाद पहले बोला गया है उसे फिर से दोहराया जाता है बाद में, बहुत बाद में और किसी दूसरे कलाकार से। तब इसका आनंद दुगुना हो जाता है क्योंकि दर्शक ही आधा सुनते ही पूरा कर देते हैं। इस फिल्म में ऐसा तीन बार होता है। 


बहुत ही अच्छी फिल्म है। एकता कपूर और अनिल कपूर इसके निर्माता हैं। 


राहुल उपाध्याय । 29 मार्च 2024 । सिएटल 

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