Tuesday, March 12, 2024

2024 का सूर्य ग्रहण

अमावस को चाँद नहीं निकलता है। यह ग़लत है। निकलता है किंतु सूरज की रोशनी चाँद के उस हिस्से पर पड़ती है जिसे हमने धरती से कभी नहीं देखा। 


है ना विचित्र बात? 


एक और विचित्र बात कि सूरज और चाँद की साइज़ अलग है और उनकी हमसे दूरी भी अलग है। पर धरती से दोनों एक ही साइज़ के लगते हैं। इसीलिए दोनों आँख मिचौली खेलते रहते हैं हमारे साथ। 


सूर्य ग्रहण के दिन चाँद पूरी तरह से सूरज को ढक लेता है धरती और सूरज के बीच आ कर। चंद्रग्रहण की रात पूनम के चाँद को धरती की छाया ढक लेती है। कितना रोमांच है तब सोच कर कि धरती के दूसरी ओर सूरज अपनी पूरी रोशनी फेंक रहा है जबकि इधर रात है। 


सूर्य ग्रहण मैंने सत्तर के दशक में कलकत्ता में पहली बार देखा था। देखी तो टीवी पर फ़िल्में थीं। क्योंकि तब सूर्य ग्रहण को देखना हानिकारक माना जाता था। खिड़की-दरवाज़े सब बंद कर के हम टीवी पर एक के बाद एक फ़िल्में देखे जा रहे थे। तब हफ़्ते में सिर्फ़ एक दिन -रविवार- को ही एक ही फिल्म देख पाते थे। उस दिन दूरदर्शन पर दिन भर फ़िल्में दिखाई गईं ताकि लोग घर से बाहर न निकले। 


2017 में सिएटल में एक बार फिर अवसर मिला सूर्य ग्रहण को देखने का। देख लिया इस बार एक ख़ास तरह का काला चश्मा पहन कर।


इस बार 8 अप्रैल को अमेरिका के पूर्वी राज्यों में पूर्ण सूर्यग्रहण दिखाई देगा। यदि बादल आ गए तो सारा मज़ा किरकिरा हो जाएगा इसलिए कुछ एयरलाइंस ने ख़ास सूर्य ग्रहण के लिए भी फ़्लाइट चलाई है ताकि बादल से ऊपर शर्तिया सूर्य ग्रहण देखा जा सके। 


मेरे एक मित्र पर सूर्य ग्रहण का जुनून सवार है। वह ड्राइव कर के दो हज़ार मील दूर टेक्सास राज्य से इसका आनंद उठाना चाह रहा है। 


उसने कहा तुम भी चलो। मैंने हामी भर दी। मैंने एक और से कहा। उसने भी हामी भर दी। 


हम तीन तीन अप्रैल को सिएटल से निकलेंगे। पूरे दिन गाड़ी चलाकर रात किसी होटल में गुज़ारेंगे। चार को भी यहीं करेंगे। पाँच को भी। पर छ; को पूरा दिन एक राष्ट्रीय उद्यान में गुज़ारेंगे। सात को पूरे दिन चला कर हम अपने गंतव्य स्थान - सेन एंटोनियो - पहुँच जाएँगे। आठ की दोपहर सूर्य ग्रहण देखेंगे। 


आठ की रात वापस लौट सकते हैं पर प्लेन की टिकट बहुत महँगी हैं। नौ की भी महँगी हैं। दस की सुबह की फ़्लाइट से वापस लौटेंगे। सीधी फ़्लाइट महँगी है। सो लास वेगास होते हुए आएँगे। समय इतना नहीं होगा कि घूमा फिरा जा सके। 


इसलिए जाते वक्त के लिए कार किराए की ले जा रहे हैं। उसे डलॉस एयरपोर्ट पर छोड़ देंगे। वहीं से हमारी वापसी की फ़्लाइट भी है। 


कार का किराया 750 डॉलर। फ्लाइट का किराया 750 डॉलर। होटल का किराया 700 डॉलर। गाड़ी के ईंधन का खर्चा 400 डॉलर। बाक़ी और भी खर्चे होंगे। खाने-पीने के। ये दो आदमी के खर्चे हैं। एक का पड़ा लगभग 1300 डॉलर। यानी एक लाख रूपये के आसपास। कम से कम। 


राहुल उपाध्याय । 12 मार्च 2024 । सिएटल 

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