Thursday, November 23, 2023

बारहवीं फेल- समीक्षा

बारहवीं फेल विधु विनोद चोपड़ा की नवीनतम फिल्म है। यह एक सच्चे किरदार मनोज कुमार शर्मा के जीवन पर आधारित है। इसमें दिव्य प्रकाश कीर्ति भी है जो अपना ही किरदार निभा रहे हैं। यह डाक्यूमेंट्री नहीं है। सच घटना के पीछे कुछ नाटकीय प्रसंग जोड़े गए हैं। 


यह एक गाँव के कम जागरूक लोगों की कहानी है जिनमें से एक व्यक्ति किसी डीएसपी के अच्छे काम की वजह से उससे प्रभावित होता है। डीएसपी बनना चाहता है। उसे मूल मंत्र मिलता है कि चीटिंग छोड़ दो। उसी मूल मंत्र के सहारे वह अपने चरित्र का निर्माण करता है, धक्के खाता है, और अंततः सफलता प्राप्त करता है। 


कई बार आँखें नम हुई। बहुत ही प्रभावशाली लेखन एवं अभिनय है। कुछ प्रसंग गले नहीं उतरते हैं पर नज़रअंदाज़ किए जा सकते हैं। 


नायिका की भूमिका ज़्यादा नहीं है। फिर भी मेधा शंकर का अभिनय असर छोड़ता है। 


विधु विनोद चोपड़ा अब फ़िल्में निर्देशित नहीं करते हैं। वे एक प्रोड्यूसर बन कर रह गए है। जबसे राजकुमार हीरानी ने मुन्ना भाई और थ्री इडियट्स जैसी फ़िल्में निर्देशित की हैं विधु विनोद चोपड़ा सिर्फ प्रोड्यूस कर के ही खुश है। 


बारहवीं फेल को निर्देशित किया, अच्छा लगा। उनकी फ़िल्मों के विषय एक जैसे नहीं होते हैं। हमेशा नवीनता और ताज़गी रहती है। चाहे परिंदा हो या 1942 - ए लव स्टोरी। 


नायक के किरदार में विक्रांत मैसी का अभिनय विश्वसनीय है। 


राहुल उपाध्याय । 24 नवम्बर 2023 । दिल्ली 



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