Tuesday, August 31, 2021

30 अगस्त 2021

होनी को कोई टाल नहीं सकता। 


2019 की जन्माष्टमी पर मैं मम्मी को लेकर विकास के यहाँ गया था। मम्मी की और रीटा की अच्छी पटती थी। उसके सहारे उन्होंने उस रात नृत्य भी किया। 


मैंने वह वीडियो परसों पोस्ट किया था।  


जन्माष्टमी की तिथि सही-सही पता नहीं रहती। कहीं आज है तो कहीं कल। तो कहीं कल हो भी चुकी होती है। 


मैंने मम्मी की याद में 21 अगस्त को लंच पर कुछ लोगों को बुलाया था जो मम्मी को जानते थे, मिलने आते थे, या मम्मी उनसे कहीं मिली थीं। 


तेरहवीं हुई तो थी। पर वो पाठ-पूजा-औपचारिकता में ही बीत गई। जैसे मम्मी के बारे में थी ही नहीं। 


21 अगस्त को आत्मीय वातावरण में सब आत्मीयता से मिले। 


मैंने मना किया था सबको कुछ न लाने को। मुझे खाना बनाना आता है और 25-30 लोगों का खाना मैं आराम से बना सकता हूँ। 11 बजे का निमंत्रण दिया था। तब तक दो सब्ज़ियाँ बना चुका था। जो मम्मी को पसन्द थी - लौकी और भिंडी। आटा मल चुका था। बस रोटी उतारनी थी। वनीला आईसक्रीम भी थी, मम्मी की पसन्द की। 


सब आए। प्रेम से मम्मी को याद किया। उनकी बातें कीं। उनके प्रिय भजन गाए। 


सब कुछ न कुछ लेकर आए थे। उषा जी मिर्च का अचार लाई थीं। सब को पसन्द आया। 


विकास को भी पसन्द आया था। उषा जी ने दो दिन बाद बना दिया। मुझसे कहा कि ले जाओ और विकास को दे दो। 


उषा जी बहुत सारा सरसों का साग लाई थीं। साग अपने बर्तन के साथ छोड़ गई थीं। 


वह बर्तन लौटा कर परसों मैंने अचार ले लिया। कल घर से निकल ही रहा था विकास को अचार देने कि विकास ने फ़ोन किया कि मैं उनके घर आ जाऊँ। वे जन्माष्टमी मना रहे हैं। 


अद्भुत संयोग!


पहुँचा तो भजन गाए जा रहे थे। मुझसे भी गाने को कहा। 


यह वीडियो उसी भजन गायन का है। 

https://youtu.be/n0pCFvnh2sw


दो साल में कितना कुछ बदल गया। 


यह भजन मैंने 20 दिसम्बर 2020 को लिखा था। 


राहुल उपाध्याय । 31 अगस्त 2021 । सिएटल 

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