Tuesday, August 16, 2022

अविस्मरणीय क्षण

इस बार की यात्रा के कई अविस्मरणीय अवसर हैं। उनमें से एक है इनसे मिलना। श्री प्रभात सिंह पँवार। 


इनके साथ मैं क़रीब दो घंटे बैठा रहा। बहुत सारी बातें हुईं। अमरनाथ की। अमेरिका की। 


मैंने उनसे पूछा वे क्या करते हैं। कहा कि आयुर्वेदिक उत्पाद बनाते हैं।


जाने से पाँच मिनट पहले उनके बेटे से बात हुई तो पता चला कि ये हवाबाण हरड़ें के मालिक हैं। 


यह ब्राँड इनके पिता ने शुरू की थी। जो 1977 में बहुत कम उम्र में गुज़र गए। तब प्रभात 24 वर्ष के थे। 


इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी ब्राँड को सम्हालना आसान नहीं है। 


इन्दौर में मेरी मम्मी सुशीला जीजी के यहाँ ही रहती थी। उस घर में, उस घर के किसी सदस्य ने कभी इनका ज़िक्र नहीं किया। कभी नहीं जताया कि उनके सम्बन्ध इतने गुणवान व्यक्तित्व के साथ है। 


उस दिन भी जब हम इनके निमंत्रण पर एक पारिवारिक आयोजन में शामिल हो रहे थे तब भी नहीं कहा कि हम किसके यहाँ जा रहे हैं। 


बहुत ही सादे लोग, सादा परिवार। 


आज भी विश्वास नहीं हो रहा कि वे इन्दौर से इतनी बड़ी ब्राँड सफलतापूर्वक चला रहे हैं।


राहुल उपाध्याय । 17 अगस्त 2022 । टोक्यो 



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