समय कितना बदल रहा है।
लोग जन्मतिथि से अपनी राशि तय करते हैं। समय और स्थान देखकर जन्मपत्री बनती हैं। रिश्ते तय होते हैं।
कुछ इससे अपना भविष्य भी तय करते हैं। कितनी आयु रहेगी। कौनसी व्याधियों से जूझेंगे। नेता बनेंगे या अभिनेता। घर बनेगा या ग़रीब ही मर जाएँगे।
सीज़ेरियन ऑपरेशन से दिन-समय कुछ हद तक वश में कर लिया गया है। स्थान भी अब लोग बदलने लगे हैं। अमेरिका में पैदा हो तो जन्मपत्री चाहे कुछ भी कहे, अमेरिका की नागरिकता से जीवन के आसार बेहतर तो हो जाते हैं।
अमेरिका का वीसा लेने में कठिनाई हो सकती है तो उसका भी एक तोड़ निकाल लिया गया है।
अमेरिका के एक समाचार पत्र वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार चीन में प्रतिबंध होने के कारण कुछ बेहद अमीर लोग अमेरिका की ढीली व्यवस्था का फ़ायदा उठाकर सरोगेसी के ज़रिये अमेरिका में बच्चे पैदा करवा रहे हैं, और इसने अमेरिका में एक महँगा लेकिन फलता-फूलता कारोबार खड़ा कर दिया है।
इस व्यवस्था में माता-पिता अपना जेनेटिक मटीरियल (अंडाणु/शुक्राणु) विदेश भेजते हैं और बच्चा अमेरिका में जन्म लेता है।
प्रति बच्चे की लागत लगभग 2 लाख डॉलर (करीब 1.6–1.7 करोड़ रुपये) तक हो सकती है।
क्योंकि बच्चा अमेरिका में पैदा होता है, उसे अमेरिकी नागरिकता मिल जाती है — यही इस अंतरराष्ट्रीय माँग की एक बड़ी वजह है।
लोग जन्मतिथि से अपनी राशि तय करते हैं। समय और स्थान देखकर जन्मपत्री बनती हैं। रिश्ते तय होते हैं।
कुछ इससे अपना भविष्य भी तय करते हैं। कितनी आयु रहेगी। कौनसी व्याधियों से जूझेंगे। नेता बनेंगे या अभिनेता। घर बनेगा या ग़रीब ही मर जाएँगे।
सीज़ेरियन ऑपरेशन से दिन-समय कुछ हद तक वश में कर लिया गया है। स्थान भी अब लोग बदलने लगे हैं। अमेरिका में पैदा हो तो जन्मपत्री चाहे कुछ भी कहे, अमेरिका की नागरिकता से जीवन के आसार बेहतर तो हो जाते हैं।
अमेरिका का वीसा लेने में कठिनाई हो सकती है तो उसका भी एक तोड़ निकाल लिया गया है।
अमेरिका के एक समाचार पत्र वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार चीन में प्रतिबंध होने के कारण कुछ बेहद अमीर लोग अमेरिका की ढीली व्यवस्था का फ़ायदा उठाकर सरोगेसी के ज़रिये अमेरिका में बच्चे पैदा करवा रहे हैं, और इसने अमेरिका में एक महँगा लेकिन फलता-फूलता कारोबार खड़ा कर दिया है।
इस व्यवस्था में माता-पिता अपना जेनेटिक मटीरियल (अंडाणु/शुक्राणु) विदेश भेजते हैं और बच्चा अमेरिका में जन्म लेता है।
प्रति बच्चे की लागत लगभग 2 लाख डॉलर (करीब 1.6–1.7 करोड़ रुपये) तक हो सकती है।
क्योंकि बच्चा अमेरिका में पैदा होता है, उसे अमेरिकी नागरिकता मिल जाती है — यही इस अंतरराष्ट्रीय माँग की एक बड़ी वजह है।
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