Sunday, September 1, 2024

चुनाव

गोपखपुर में क़रीब 120 प्राइवेट स्कूल है। उन स्कूलों की एक संस्था है। गोरखपुर स्कूल्स एसोसिएशन। आज उसके पदाधिकारियों के चुनाव थे। 


मेरे मित्र, विकास, को उपाध्यक्ष नामांकित किया गया था। मैंने आग्रह किया कि क्या मैं इस प्रक्रिया को देख सकता हूँ तो उन्होंने सहमति दे दी। मैं देखना चाहता था कि एक छोटी संस्था का चुनाव कैसा होता है। 


दस बजे होटल विवेक में चुनाव था। शाम चार बजे तक चला। पहले चाय-नाश्ता था। एक बजे भोजन भी। सब सर्व सहमति से चुन लिए गए। सचिव के पद के लिए दो उम्मीदवार थे। गोरखपुर के विधायक भी मंच पर उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि दोनों प्रत्याशी आपस में बात कर लें एवं एक बैठ जाए। पर ऐसा नहीं हुआ और चौबीस वर्ष के संस्था के इतिहास मे पहली बार गुप्त मतदान हुआ। जो हार गए उन्हें उपाध्यक्ष बना दिया गया। उपाध्यक्ष चार हो सकते हैं। दो ही व्यक्ति नामांकित हुए थे। ये तीसरे बन गए। इस प्रकार से सौहार्द बना रहा। किसी का दिल नहीं दुखा। 


आज ही के दिन सबसे पाँच हज़ार रूपये की वार्षिक सदस्यता भी वसूली गई। सबने नगद दिए। कोई पेटीएम नहीं। क़रीब सत्तर सदस्य मौजूद थे। सबके पास आईफ़ोन था। हर कोई बिज़नेसमैन था। कोई भी शिक्षाविद नहीं। सारे स्कूलों का मिलाकर वार्षिक कारोबार दो हज़ार करोड़ रुपए का है। सारे सदस्य पुरुष थे। एक भी महिला नहीं। बाद में दो महिलाएँ आईं। उनके पिता कोविड में गुज़र गए तो वे अब स्कूल चला रही हैं। 


पूरा दिन अच्छा गुज़रा। फ़िल्मों में जो दिखाया जाता है उसे आँखों के सामने घटित होते देखना अच्छा लगा। 


कान्वेन्ट स्कूल वाले नहीं आए। वे आते ही नहीं है। उन्हें इस संस्था की ज़रूरत नहीं है। उनका अपना ही रुतबा है। इसी तरह से जो स्कूल शीर्ष पर हैं, वे भी नहीं आते हैं। उन्हें भी इस संस्था की आवश्यकता नहीं है। ये स्कूल इसलिए शीर्ष पर हैं कि वे हर किसी को अपने स्कूल में दाख़िला नहीं देते हैं। एडमिशन टेस्ट होता है। जिसमें सौ में से दस ही सफल हो पाते हैं। वे फ़ीस भी तगड़ी लेते हैं और सब सहर्ष देते हैं। 


यह संस्था उन लोगों के लिए काम की है जो किसी न किसी कारण से शासन की निगाहों में हैं। जैसे कि शिक्षक-छात्र अनुपात, कमरों का क्षेत्रफल, पीने के पानी की सुविधा, खेल-कूद की सुविधाएँ, इमारत की हालत, आदि। पढ़ाई के मापदंड अभी विकसित नहीं हैं एवं उन पर क्रियान्वयन करना कठिन है। 


राहुल उपाध्याय । 1 सितम्बर 2024 । गोरखपुर 


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