यदि आप कई दिनों से हिन्दी में कुछ पढ़ने का सोच रहे हैं और कुछ मिल नहीं रहा है, या समय ही नहीं मिल रहा है, तो केवल तीन घंटे में आप एक दुर्लभ उपन्यास पढ़ सकते हैं। मेरा मतलब, सुन सकते हैं। टहलते हुए या कार में कहीं आते-जाते हुए।
पी-डी-एफ ही पढ़नी है तो वह यहाँ है:
https://ia801608.us.archive.org/11/items/in.ernet.dli.2015.321472/2015.321472.Tyag-patra.pdf
यह जैनेंद्र जैन द्वारा लिखित 'त्यागपत्र' उपन्यास है। एक बार शुरू करेंगे तो ख़त्म करके ही चैन आएगा।
बहुत ही बढ़िया तरीक़े से एक जीवन का जीवंत चित्रण किया है उन्होंने।
राहुल उपाध्याय । 27 जुलाई 2021 । सिएटल
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