अजय ब्रह्मात्मज जी से कल ऐम्स्टरडम में अचानक मुलाक़ात हो गई। अप्रत्याशित। अप्रत्याशित घटनाएँ ही मेरे जीवन का हासिल रही हैं।
मेरा परिचय उनसे तब से हैं जब 2008 में अमिताभ बच्चन के ब्लॉग का हिन्दी अनुवाद किया करता था। ब्रह्मात्मज जी इतने सजग पत्रकार हैं कि उन्हें भनक लग गई और भारत से ही मेरा फ़ोन पर साक्षात्कार ले लिया। उस ज़माने में व्हाटसेप या मैसेंजर आदि की सुविधाएँ नहीं थी कि फ़्री में कॉल हो सके।
साक्षात्कार आज भी पढ़ा जा सकता हैः
http://www.chavannichap.com/2008/10/blog-post_09.html?m=1
मेरा अनुवाद भीः
http://amitabhkablog-hindi.blogspot.com/?m=1
उस साक्षात्कार की ख़ास उपलब्धि है पाठकों की टिप्पणियाँ। उनमें से एक यूनुस खान जी की भी है। और रवि रतलामी जी की भी।
यूनुस खान आकाशवाणी के राष्ट्रीय प्रसारण से बहुत वर्षों से जुड़े हैं एवं उम्दा कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। समाचार पत्रों में स्तम्भ भी लिखे हैं। विविध भारती पर उनकी आवाज़ रोज़ सुनी जा सकती है। फ़ेसबुक पर उनकी उम्दा पोस्ट रोज़ पढ़ी जा सकती हैं।
रवि रतलामी जी ने कई बरसों तक रतलाम में काम किया सो रतलामी उपनाम जोड़ लिया। वैसे रवि श्रीवास्तव थे। भोपाल में उनके यहाँ रहने का भी मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ। आय-टी क्षेत्र के न होते हुए भी उन्होंने हिन्दी में ब्लॉग लेखन को बहुत बढ़ावा दिया। सबको प्रोत्साहित करते रहें। एवं हर किसी समस्या का हल ढूँढते रहे। सबको बताते रहें। इंटरनेट पर पहली बार हिन्दी में रामचरितमानस उपलब्ध कराने का बीड़ा उन्होंने उठाया था और वह कार्य पूरा भी किया।
उनके एक आलेख में उन्होंने मुझे याद भी किया।
https://raviratlami.blogspot.com/2017/01/blog-post_4.html?m=1#more
अजय ब्रह्मात्मज जी मुम्बई में रहते हैं एवं सिने जगत की रिपोर्ट लिखते रहते हैं। पहले ब्लॉग लिखते थे, अख़बारों में छपते थे। अब यूट्यूब और फ़ेसबुक पर सक्रिय हैं। यह उनका चैनल हैः
https://m.youtube.com/@CineMahaul
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