Rahul's Blog

Saturday, October 18, 2025

भागवत’ - चैप्टर 1 - राक्षस

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कहानी कितनी ही सच्ची क्यों न हो, उसे पर्दे पर दिखाते समय कुछ बेवक़ूफ़ियाँ हटा देनी चाहिए।  कौनसा फ़ोन नम्बर कब से बंद पड़ा है यह तो पुलिस वा...
Friday, July 18, 2025

ये मैंने कैसे जूते पहन रखे हैं

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जब से होश सँभाला है मम्मी को हमेशा मेहनत करते देखा। सबकी सेवा करते देखा। यातनाएँ सहते देखा। सबसे दबते देखा। किचन में फँसते देखा। दो मिनट की ...
Friday, May 9, 2025

सपने

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सपने सबके पूरे होते होंगे जैसे मेरे हो रहे हैं। कई बार सपने पूरे हो जाते हैं और हमें ध्यान ही नहीं रहता है कि ये सपने हमने कभी देखे थे। हम स...
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Wednesday, February 26, 2025

बिजली गुल

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अमेरिका में आम तौर पर बिजली जाती नहीं है लेकिन सिएटल में ऊँचे सदाबहार पेड़ों की वजह से कई बार जब तेज़ हवा चलती है तो उनके गिरने से बिजली के ...
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Monday, February 17, 2025

हिन्दी फ़िल्मों में प्रेम

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प्रेम क्या है? यह शायद सीखना चाहिए था राधा-कृष्ण के प्रसंग से। उधो मन न भए दस-बीस। यह रचना दसवीं कक्षा में ही पढ़ ली थी। प्रेम भी आठवीं कक्ष...
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Thursday, February 13, 2025

बड़ा नाम करेंगे- समीक्षा

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बड़ा नाम करेंगे - राजश्री वालों की एक वेब सीरीज़ है जिसमें सूरज बड़जात्या का भी योगदान है।  यह बहुत ही अच्छी वेब सीरीज़ है। शुरू में थोड़ी ख...
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Sunday, February 9, 2025

इमरजेंसी- समीक्षा

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कंगना रनौत द्वारा निर्देशित, निर्मित एवं अभिनीत 'इमरजेंसी' एक अच्छी फिल्म है। दुख है तो इस बात का कि इतनी शिक्षाप्रद फ़िल्म को देखने...
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Rahul Upadhyaya
राह चलते सबसे मिला
हुआ नहीं किसी से गिला
लगातार चले ये सिलसिला

उसी आस में जी रहा
पानी घाट-घाट का पी रहा
ध्वज मैं कोई लहराता नहीं
यारों से मैं कतराता नहीं
यही सच है कि मैं हूं एक सैलानी
upadhyaya@yahoo.com
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